वीडियो जानकारी:
शब्दयोग सत्संग
२५ फरवरी २०१४
अद्वैत बोधस्थल, नॉएडा
प्रसंग:
कृष्ण ऐसा क्यों कहते है की जब -जब धर्म की हानी होती है तब -तब मै प्रकट लेता हूँ?
क्या धर्म की उपस्तिथि में वो प्रकट नहीं होते?
अधर्म के बढ़ने में भी वो बढ़े और धर्म के बढ़ने में भी
धर्म और अधर्म में सही भेद कैसे जाने?